लेखकAug 16, 2013 01:11 PMसभी पोस्ट देखें
आइंस्टाइन की विलक्षण प्रतिभा के सभी क़ायल हैं. उनकी ज़िंदगी के कुछ छिपे हुए रहस्य भी हैं जिनसे हमारे एक ब्लॉगर दोस्त ज़ीशान ज़ैदी साहब ने अपने एक ताज़ा लेख में पर्दा उठाया है. पेश है उनका लेख- जी हाँ! आइंस्टीन ने इस्लाम का शिया मत स्वीकार कर लिया था। ...आगे पढ़ें...कोई कॉमेंट नहीं
(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्हारा सीना इल्म से कुशादा नहीं कर दिया (जरूर किया)
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सूरए अल इन्शिरा मक्के में नाजि़ल हुआ और इसकी आठ (8) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) क्या हमने तुम्ह...
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