इसे अमानवीय लापरवाही के अलावा क्या कहेंगे कि कोयला खदानों के अंदर लगी भूमिगत आग रेलवे लाइन तक पहुँच चुकी है लेकिन प्रबंधन को इससे कोई खतरा नहीं महसूस हो रहा है. किसी भी दिन यहाँ कोई बड़ा हादसा हो जाये तो इसकी जिम्म्मेवारी आखिर कौन लेगा. पढ़िए पूरी रिपोर्ट.
वह वही तो है जो तुम्हें डराने और लालच देने के वास्ते बिजली की चमक दिखाता है
और पानी से भरे बोझल बादलों को पैदा करता है
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उसके नज़दीक) सब बराबर हैं (आदमी किसी हालत में हो मगर) उस अकेले के लिए उसके
आगे उसके पीछे उसके निगेहबान (फ़रिश्ते) मुक़र्रर हैं कि उसको हुक्म ख़ुदा से
हिफ...
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