इसे अमानवीय लापरवाही के अलावा क्या कहेंगे कि कोयला खदानों के अंदर लगी भूमिगत आग रेलवे लाइन तक पहुँच चुकी है लेकिन प्रबंधन को इससे कोई खतरा नहीं महसूस हो रहा है. किसी भी दिन यहाँ कोई बड़ा हादसा हो जाये तो इसकी जिम्म्मेवारी आखिर कौन लेगा. पढ़िए पूरी रिपोर्ट.
कोटा में संपन्न हुआ नेत्रदान, पर रामगंज मंडी से बिना नेत्रदान लिए लौटी टीम
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