इसे अमानवीय लापरवाही के अलावा क्या कहेंगे कि कोयला खदानों के अंदर लगी भूमिगत आग रेलवे लाइन तक पहुँच चुकी है लेकिन प्रबंधन को इससे कोई खतरा नहीं महसूस हो रहा है. किसी भी दिन यहाँ कोई बड़ा हादसा हो जाये तो इसकी जिम्म्मेवारी आखिर कौन लेगा. पढ़िए पूरी रिपोर्ट.
और दिन की क़सम जब ख़ूब रौशन हो (2) और उस (ज़ात) की जिसने नर व मादा को पैदा
किया
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सूरए अल लइल मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी इक्कीस (21) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
रात की क़सम जब (सूरज क...
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