अनवर जमाल ने कभी जो कहा था कि प्यार का रिश्ता ही इंसानियत की पहचान है और सहनशीलता से शांति की तुरंत प्राप्ति संभव है. आज वो कर के भी दिखाया
ऐ मेरे पालने वाले जिस बात की ये औरते मुझ से ख़्वाहिश रखती हैं उसकी निस्वत
(बदले में) मुझे क़ैद ख़ानों ज़्यादा पसन्द है और अगर तू इन औरतों के फ़रेब
मुझसे दफा न फरमाएगा तो (शायद) मै उनकी तरफ माएल (झुक) हो जाँऊ ले तो जाओ और
जाहिलों में से शुमार किया जाऊँ
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तो जब ज़ुलेख़ा ने उनके ताने सुने तो उस ने उन औरतों को बुला भेजा और उनके
लिए एक मजलिस आरास्ता की और उसमें से हर एक के हाथ में एक छुरी और एक (नारंगी)
दी (...
2 comments:
bahut achchi post.aman naam bahut uttam hai bahut ghahra arth hai.Anvar ji ne bilkul sahi naam diya hai isme koi do raay nahi hai.god bless Aman.vande matram.
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