अनवर जमाल ने कभी जो कहा था कि प्यार का रिश्ता ही इंसानियत की पहचान है और सहनशीलता से शांति की तुरंत प्राप्ति संभव है. आज वो कर के भी दिखाया
हालाँकि (ये नहीं समझते कि) जो कुछ रात को और दिन को (रुए ज़मीन पर) रहता
(सहता) है (सब) ख़ास उसी का है और वही (सब की) सुनता (और सब कुछ) जानता है
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(ऐ रसूल तुम दिल तंग न हो) तुम से पहले (भी) पैग़म्बरों के साथ मसख़रापन किया
गया है पस जो लोग मसख़रापन करते थे उनको उस अज़ाब ने जिसके ये लोग हॅसी उड़ाते
थ...
2 comments:
bahut achchi post.aman naam bahut uttam hai bahut ghahra arth hai.Anvar ji ne bilkul sahi naam diya hai isme koi do raay nahi hai.god bless Aman.vande matram.
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