नभाटा के बुनियाद ब्लॉग पर एक चर्चा
जानिये कि हिदू विवाह को संस्कार से क़रार किसने और कैसे बनाया ?
1. क्या औरत विवाह को एक संस्कार मानकर उसकी पाबंदियों को पूरा करे जैसा कि शास्त्रों में बताया गया है ?
या कि
2. औरत उसे संस्कार न माने और पति से निर्वाह न होने पर तलाक़ ले और चाहे तो फिर से विवाह करके अपने जीवन को सुखी बनाए ?
पहली बात हिंदू धर्म की है और दूसरी बात इसलाम की है।
आप क्या मानना चाहेंगी ?,
यह देखने के साथ यह भी देखें कि सारी दुनिया आज क्या मान रही है ?
क्या यह हक़ीक़त नहीं है कि इसलाम आ चुका है आपके जीवन में धीरे से ?
0 comments:
Post a Comment