नवगीत की पाठशाला: १५. झरते हरसिंगार: उजसित शैशव जीवन सुरभित हुलसित मन आगार शेफाली शाखों सा झूमे झरते हरसिंगार मलयानिल सुरभित नासाग्रा होंठ वसन्ती कोंपल पल पल पुलकित स्पर्...
(ऐ रसूल) तुम ख़़ुदा के साथ किसी दूसरे माबूद की इबादत न करो वरना तुम भी
मुबतिलाए अज़ाब किए जाओगे
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ये लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब को न देख लेगें उस पर इमान न लाएँगे (201)
कि वह यकायक इस हालत में उन पर आ पडे़गा कि उन्हें ख़बर भी न होगी (202)
(मगर जब अज़ाब ना...
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