बता रहे हैं जनाब सैयद मुहम्मद मासूम साहब , अपनी ताज़ा पोस्ट में-
और ये कि (देखो) सिर्फ मेरी इबादत करना यही (नजात की) सीधी राह है
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और ये कि (देखो) सिर्फ मेरी इबादत करना यही (नजात की) सीधी राह है (61)
और (बावजूद इसके) उसने तुममें से बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा तो क्या तुम
(इतना भी) नह...
1 comments:
बहुत सुन्दर...
पधारें "आँसुओं के मोती"
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