SEP
30
मुफज्ज़रनगर दंगो के बाद का सच जानिए |
मुज़फ्फर नगर में दंगे हुए और एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हुयी | इंसानों में ऐसी दरिंदगी मुझे हमेशा से ताज्जुब में डालती रही है | दंगो के बाद शुरू हुआ आरोपों का दौर और राजनितिक पार्टियों द्वारा एक दुसरे को ज़िम्मेदार ठहराने का दौर फिर कोर्ट के आदेश और भड़काऊ भाषण देने वालों के नाम की बड़ी लिस्ट जिसमे अलग अलग धर्म के लोगों के अलग अलग पार्टी के लोगों के नाम सामने आये | लेकिन यह सारे मिल के भी ना तो दंगों की सही तस्वीर पेश कर सके और ना ही कारण बता सके और न्याय तो वैसा ही होगा जैसा हर दंगो के बाद मिला करता है |
बचपन में एक गाना सुना था “ये जो पब्लिक है यह सब जाती है “ लेकिन आज के दौर में इस पब्लिक की आवाज़ कोई नहीं सुनता मीडिया भी नेताओं की आवाज़, कोर्ट की आवाज़ , दरिंदों की आवाज़ तो लोगों तक हमेशा पहुँचाया करती है लेकिन आम जनता की आवाज़ कभी कधार ही लोगों तक पहुंचा पाती है | भाई जनता की आवाज़ आखिर बिकती
बचपन में एक गाना सुना था “ये जो पब्लिक है यह सब जाती है “ लेकिन आज के दौर में इस पब्लिक की आवाज़ कोई नहीं सुनता मीडिया भी नेताओं की आवाज़, कोर्ट की आवाज़ , दरिंदों की आवाज़ तो लोगों तक हमेशा पहुँचाया करती है लेकिन आम जनता की आवाज़ कभी कधार ही लोगों तक पहुंचा पाती है | भाई जनता की आवाज़ आखिर बिकती
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