आप देख सकते हैं इस पोस्ट पर यह पूछते हुए कि
हम खु़द गुमराह थे तो तुम को भी गुमराह किया
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फिर अब तो लोगों पर हमारे परवरदिगार का (अज़ाब का) क़ौल पूरा हो गया कि अब हम
सब यक़ीनन अज़ाब का मज़ा चखेंगे (31)
हम खु़द गुमराह थे तो तुम को भी गुमराह किया...
1 comments:
भाई जान मेहनत से सब कुछ संभव है और भाई अनवर डोक्टर साहब जो महनत कर रहे हैं उससे कोई भी कामयाबी असम्ब्भव हो ही नहीं सकती इंशा अल्लाह कामयाब ही होंगे .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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