एक सांचे में ढाल रखा था.
हमने सबको संभाल रखा था.
एक सिक्का उछाल रखा था.
और अपना सवाल रखा था.
सबको हैरत में डाल रखा था.
उसने ऐसा कमाल रखा था.
कुछ बलाओं को टाल रखा था.
कुछ बलाओं को पाल रखा था.
हर किसी पर निगाह थी उसकी
उसने सबका ख़याल रखा था.
गीत के बोल ही नदारत थे
सुर सजाये थे, ताल रखा था.
उसके क़दमों में लडखडाहट थी
उसके घर में बवाल रखा था.
उसकी दहलीज़ की रवायत थी
हमने सर पर रुमाल रखा था.
साथ तुम ही निभा नहीं पाए
हमने रिश्ता बहाल रखा था.
-देवेंद्र गौतम
ग़ज़लगंगा.dg: हमने रिश्ता बहाल रखा था:
'via Blog this'
आम गलतियां, जो स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचा सकती हैं
-
आप स्मार्टफोन की उम्र कैसे बढ़ा सकते हैं? इस सवाल का जवाब यह है कि आप उन आम
गलतियों से बचें, जो साधारण स्मार्टफोन यूजर्स अक्सर करते हैं। पहली गलती है
स्मा...
1 comments:
अछि प्रेना देती हुई पोस्ट है.
Post a Comment