मौसम की बदहाली से.
पत्ते छूटे डाली से.
टप-टप आंखों से टपके
कुछ आंसू घडियाली से.
ग़ज़लगंगा.dg: कुछ आंसू घडियाली से:
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और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा
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और जिस वक़्त आसमान का छिलका उतारा जाएंगा (11)
और जब दोज़ख़ (की आग) भड़कायी जाएंगी (12)
और जब बेहिश्त क़रीब कर दी जाएंगी (13)
तब हर शख़्स मालूम करेगा कि वह क्...
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