मौसम की बदहाली से.
पत्ते छूटे डाली से.
टप-टप आंखों से टपके
कुछ आंसू घडियाली से.
ग़ज़लगंगा.dg: कुछ आंसू घडियाली से:
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जिन कामों की तुम्हें मनाही की जाती है अगर उनमें से तुम गुनाहे कबीरा से बचते
रहे तो हम तुम्हारे (सग़ीरा) गुनाहों से भी दरगुज़र करेगें और तुमको बहुत
अच्छी इज़्ज़त की जगह पहुँचा देंगे
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जिन कामों की तुम्हें मनाही की जाती है अगर उनमें से तुम गुनाहे कबीरा से
बचते रहे तो हम तुम्हारे (सग़ीरा) गुनाहों से भी दरगुज़र करेगें और तुमको बहुत
अच्छी...
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